भिलाई। कांग्रेस में टिकट वितरण के लिए चली दो दिनों की कवायद में पार्टी के नेता रिस्क लेने से बचते दिखे। अंत में आसान रास्ता निकालते हुए पहली सूची के लिए सिंगल व मंत्रियों के नामों को हरी झंडी दिखा दी गई। करीब 17 सीटों पर सिंगल नाम तय किए गए हैं, जबकि 13 सीटों पर मंत्रियों के नाम फायनल कर दिए गए। हालांकि कल रात तक चली कांग्रेस की दो अलग-अलग बैठकों के बेनतीजा खत्म होने की चर्चा थी। रविवार को चुनाव समिति की बैठक देर रात तक चली थी। इसके बाद सोमवार को फिर सीएम हाउस में पहले चुनाव समिति और बाद में पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठकेंं हुई थी। कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची 8 सितम्बर को केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद जारी की जाएगी। प्रदेश से जाने वाले नामों पर ही सीईसी भी मुहर लगाएगा, यह भी तय नहीं है।
जिन 30 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए एकराय बन गई है, बताया जाता है कि उन नामों पर एक बार फिर से स्क्रीनिंग कमेटी विचार करेगी। जिस दिन यह बैठक होनी है, उसी दिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी आ रहे हैं। इसलिए पूरी संभावना है कि कांग्रेस की पहली सूची 9 सितम्बर को जारी हो जाएगी। प्रदेश चुनाव समिति ने जिन सीटों के लिए नामों पर मुहर लगाई है, उनमें विरोध और मारामारी की स्थिति नहीं है। पार्टी ने कुछ समय पहले ही तय किया था कि मंत्रियों की टिकट नहीं काटी जाएगी। इसके अलावा विधायकों को क्षेत्र बदलने की इजाजत भी नहीं दी गई थी। हालांकि यह संकेत मिले हैं कि एकाध मंत्री का क्षेत्र बदला जा सकता है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन सीटों पर दो या अधिक दावेदार हैं, उन पर पहली सूची जारी होने के बाद विचार होगा। भाजपा द्वारा अपने प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद कांग्रेस में हड़बड़ी दिख रही है, लेकिन पार्टी के नेता इस हड़बड़ी के चक्कर में गड़बड़ी से बचना चाहते हैं। इसीलिए लगातार बैठकों के बाद भी किसी तरह का रिस्क लेने से बचा जा रहा है। पार्टी हर सीट पर फूंक-फूंककर कदम रख रही है, ताकि कार्यकर्ताओं में विरोध के स्वर मुखरित न हों। क्योंकि यदि किसी एक क्षेत्र से विरोध शुरू हुआ तो उसके दीगर क्षेत्रों में भी फैलने का खतरा है। इसका सीधा असर नतीजों पर हो सकता है।
बताया जाता है कि प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज व अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुई बैठक में टिकट बंटवारे के फार्मूले और नामों पर विस्तार से चर्चा हुई। प्रदेश की 90 सीटों के लिए 2,789 लोगों ने आवेदन किया है। हालांकि अभी इन नामों की अधिकृत घोषणा नहीं हुई है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि सितंबर में ही जल्द से जल्द नामों का ऐलान हो जाएगा। प्रदेश से जिन नामों पर सहमति हो जाएगी उनको एआईसीसी की चुनाव समिति को भेजा जाएगा। उसके बाद नामों का ऐलान किया जाएगा। सूत्रों का दावा है कि अभी उन नामों पर पहले विचार किया जा रहा है जिनको लेकर विवाद नहीं है। बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि सीईसी की बैठक के बाद आठ सितंबर को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होगी। इसके बाद ही प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी। बैठक में सभी नेताओं ने अपने सुझाव रखे थे। प्रदेश चुनाव समिति और पालिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक में प्रत्याशियों की सूची पर भी मंथन हुआ। हालांकि प्रत्याशियों के नामों पर फैसला नहीं हो सका। बता दें कि कांग्रेस की प्रदेश चुनाव समिति की बैठक रविवार को राजीव भवन में देर रात तक चली। इसके बाद सोमवार को मुख्यमंत्री निवास में भी सूची पर गहन मंथन किया गया।
दावेदारों का इंतजार लम्बा हुआ
कांग्रेस के टिकट दावेदारों का इंतजार लगातार बढ़ता जा रहा है। पार्टी के नेता जिस तरह से बड़े फैसले लेने से बच रहे हैं, उसके बाद यही संभावना बन रही है कि छत्तीसगढ़ में टिकट के लिए सिर्फ औपचारिकताएं ही पूरी की जा रही है। सारे फैसले आने वाले दिनों में दिल्ली से ही होंगे। कल प्रत्याशी चयन को लेकर दो-दो बैठकें हुई, लेकिन नतीजा संतोषजनक नहीं कहा जा सकता। मैराथन बैठकों के बाद अंत में प्रत्याशियों का दारोमदार सीईसी पर छोड़ दिया गया। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की चुनाव समिति और पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठकों के बावजूद अविवादित क्षेत्रों के लिए सहमति बन पाई। बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि, सीईसी की बैठक के बाद 8 सितंबर को प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी।
पैनल तैयार तो फैसले में देरी क्यों
कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो प्रदेश संगठन ने दावेदारों की सूची तैयार कर पैनल बना लिया है। चर्चा अब सिर्फ पैनल के नामों पर होनी है। कांग्रेस के ही भीतर से यह सवाल उठाया जा रहा है जब पैनल तैयार है तो फैसले में देरी क्यों की जा रही है? भाजपा की तर्ज पर इस बार कांग्रेस के दावेदार भी प्रचार समेत चुनाव अभियान के लिए ज्यादा वक्त चाह रहे हैं। कांग्रेस में आमतौर पर नामांकन दाखिले के अंतिम समय में प्रत्याशी घोषित किए जाते रहे हैं, इसके चलते प्रत्याशियों को ज्यादा वक्त नहीं मिल पाता था। कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि इस बार जल्द प्रत्याशी घोषित किए जाएंगे। प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी कुमारी सैलजा के मुताबिक, चुनावी बैठकों में अच्छा फीडबैक मिला है। पिछली बार की तरह इस बार भी सभी मिल-जुलकर चुनाव लड़ेंगे। कार्यकर्ताओं में उत्साह नजर आ रहा है। खरगे से ले सकते हैं मार्गदर्शन
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 8 सितम्बर को छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। उनके वापस दिल्ली लौटने के बाद ही प्रत्याशियों का ऐलान किए जाने की बातें कही जा रही है। कांग्रेस के भीतर प्रत्याशियों के नामों को लेकर जिस तरह का माहौल दिख रहा है, उसके बाद इस बात की संभावना है कि प्रदेश संगठन खरगे से मार्गदर्शन ले सकता है। दो दिनी चुनावी कवायद में जिला संगठन के खिलाफ नाराजगी भी देखने को मिली। पहले जिलाध्यक्षों पर अपने हिसाब से सूची में हेरफेर करने के आरोप लगे और फिर इस मुद्दे पर भी विस्तार से चर्चा हुई जिन क्षेत्रों में जिलाध्यक्ष दावेदार हैं, वहां उन्होंने अपने नाम को सबसे ऊपर रखा है। हालांकि इस विवाद से पहले ही पीसीसी चीफ दीपक बैज ने ब्लाक और जिला स्तर पर आए तमाम नामों को अपने पास मंगवा लिए थे।




