दुर्ग। हजरत बाबा सैयद अब्दुल रहमान शाह काबुली रहमतुल्लाह अलैह पुराना बस स्टैंड दुर्ग की प्रसिद्ध दरगाह में 72वां उर्स मनाया जा रहा है। उर्स मुबारक के अवसर पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पूरे शहर के अलग अलग स्थानों से चादर शरीफ हेतु संदल जुलूस निकाला गया जिसमें सत्तीचौरा से निकला संदल खास आकषर्ण का केंद्र रहा जिसमें पर्यावरण संरक्षण और कौमी एकता का संदेश दिया गया।
शब्बू पाकीजा ने बताया कि सत्तीचौरा से निकले संदल में परंपरानुसार यंग स्टार संदल कमेटी, सत्तीचौरा द्वारा आपसी भाईचारा के संदेश के साथ साथ इस वर्ष भारत बचाओ, पेड़ लगाओ की आकर्षक झांकी निकाली गई, जिसमें एक साथ दो संदेश दिया गया, पहला संदेश कौमी एकता का था जिसमें हिन्दू-मुस्लिम महिलाएं एक साथ बैठकर पेड़ लगा रहे है, दूसरा संदेश भारत देश बचाओ पेड़ लगाओ का था। झांकी में हिन्दू मुस्लिम महिलाओं द्वारा एक साथ बैठकर पर्यावरण बचाव के लिए पेड़ लगा रहे है साथ ही साथ पक्षी के रूप में परी पानी डाल रही है और पेड़ लगातर बढ़ रहा है। यंग स्टार संदल कमेटी द्वारा जुलूस के दौरान कई स्थानों आम नागरिकों को फल, फूल के पेड़ का वितरण किया गया, संदल कमेटी द्वारा लगभग 400 पौधे का वितरण भी किया गया।
कौमी एकता का मिसाल है हजरत बाबा सैयद अब्दुल रहमान शाह काबुली रहमतुल्लाह अलैह का उर्स
उर्स के पाक मौके पर इस वर्ष भी जगह जगह से संदल निकाले गए। बाजे गाजे के साथ निकले यह संदल संपूर्ण शहर का भ्रमण करते हुए पुराना बस स्टैण्ड स्थित बाबा की दरगाह में पहुंचकर समाप्त हुए। इस मौके पर हिन्दू मुस्लिम भाईयों एक साथ रहे जिन्होंने एकता का संदेश दिया। इस वर्ष भी सत्ती चौका से यंग स्टार कमेटी द्वारा निकाला गया संदल खास रहा जिसने कौमी एकता का संदेश देने के साथ साथ लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक भी किया। चादर शरीफ संदल जुलूस में जन समर्पण सेवा सँस्था के अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा बंटी, बिट्टू कुरैशी शब्बीर पाकीजा साबिर चौहान समीर खान आशीष मेश्राम, ईशु खान ऐजाज़ खान राहुल शर्मा सरवर चौहान अख्तर खान सरफराज चौहान मनीष यादव आरिफ खान परवेज खान सोनल सेन सलमान खान शिबू खान ऋषि गुप्ता राजा खान अब्दुल जमील खान जुम्मन कुरैशी इमू खान सायज़न खान एवं सैकड़ो हिन्दू मुस्लिम युवा उपस्थित रहे।
सभी की मन्नतें होती है पूरी
हजरत बाबा सैयद अब्दुल रहमान शाह काबुली रहमतुल्लाह अलैह के सालाना उर्स पाक के मौके पर प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में श्रृद्धालु यहां पहुंचते है जिन्हें बाबा कभी निराश नही करते । माना जाता है कि जो भी श्रृद्धालु यहां सच्चे दिल से बाबा मिन्नतें करता है उसकी झोलियां खुशियों से भर जाती है। यही वजह है कि बाबा की इस दरगाह में हर कौम व मजहब के लोग भव्य चादर संदल व झांकीयों के साथ शिरकत करते हैं । यही कारण है की सालाना उर्स पाक कमेटी उर्स पाक को एकता उत्सव के रूप में भी मानते चली आ रही है।




