भिलाई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दिल्ली लौटने के बाद कांग्रेस की राजनीतिक फिजा में एक बार फिर गरमी आएगी। पार्टी नया सप्ताह चालू होते ही टिकटों की कवायद को अंतिम रूप देना चालू कर देगी। बताते हैं कि स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन 4 सितम्बर को रायपुर आ रहे हैं। उनके आने के बाद दावेदारों की तैयार सूची में से प्रत्याशियों के नाम फायनल किए जाएंगे। इसके बाद अंतिम रूप से दिल्ली से नामों पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा ने 6 सितम्बर तक प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करने की बात कही थी। इधर, संभावना जताई जा रही है कि भाजपा भी अगले हफ्ते अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर सकती है।
पिछले करीब एक पखवाड़े से कांग्रेस की राजनीति में काफी हलचल देखी गई, लेकिन राहुल गांधी का दौरा फायनल होने के बाद कांग्रेस के तमाम आला नेता उनके कार्यक्रम को सफल बनाने में जुट गए। आज दोपहर राहुल गांधी ने नवा रायपुर स्थित मेला ग्राउंड में राजीव युवा मितान सम्मेलन में शिरकत की। इस दौरान वे छत्तीसगढ़ के राजनीतिक हालातों से भी रूबरू हुए। अब उनके लौटने के बाद पार्टी एक बार फिर टिकटों को लेकर कवायद शुरू करेगी। बताया जा रहा है कि कांग्रेस पहली सूची में करीब 40 प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप दे सकती है। फिलहाल जिला कमेटियों से उम्मीदवारों की सूची प्रदेश संगठन के पास पहुंच गई है। दो दिनों के भीतर इन नामों में कांट-छांट कर संभावित प्रत्याशियों का पैनल तैयार कर लिया जाएगा। उसके बाद नामों की घोषणा सिर्फ औपचारिकता मात्र होगी। हालांकि संगठन स्तर पर इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी जा रही है। जानकारी के मुताबिक, स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन 4 सितंबर को रायपुर पहुंच रहे हैं। उनके यहां आने के बाद तैयार की गई सूची पर मंत्रणा होगी और सूची को अंतिम मुहर के लिए दिल्ली भेज दिया जाएगा।
सोशल मीडिया में चल रही फर्जी सूची
सोशल मीडिया में भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशियों के नाम पैनल समेत खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं, लेकिन जानकारों का आंकलन है कि यह सूची सिर्फ संभावना आधारित है। दरअसल, इस सूची में कई आरक्षित सीटों पर भी सामान्य लोगों के नाम होने की वजह से इस सूची को फर्जी माना जा रहा है। सूची में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से 2 से 3 दावेदारों के नामों को शामिल किया गया है। कई क्षेत्रों में तो ऐसे अप्रत्याशित नाम हैं, जिसे खुद दोनों दलों के लोग ही पचा नहीं पा रहे हैं। सर्वविदित है कि कांग्रेस ने ब्लाक स्तर पर आवेदन सिर्फ मंगवाए हैं, इसमें इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि जो-जो नाम आए हैं, प्रत्याशी उन्हीं में से ही हो। दरअसल, कांग्रेस में प्रारम्भ से ही दिल्ली से प्रत्याशी घोषित करने की परंपरा रही है। इसकी वजह से निचले स्तर के कार्यकर्ताओं में आक्रोश पनपता है। इसका नुकसान पार्टी प्रत्याशी को होता है। कार्यकर्ताओं को यह संदेश देने के लिए कि प्रत्याशियों के नाम निचले स्तर से मंगाए गए हैं, एक पूरी प्रक्रिया बनाई गई है। अलबत्ता, प्रत्याशी तो अब भी दिल्ली से ही घोषित होंगे। कांग्रेस 2018 में ऐसा ही सफल प्रयोग कर चुकी है।
भाजपा में भी वही कवायद
जिस अंदाज में कांग्रेस प्रत्याशियों को टिकट बांटती रही है, कुछ वैसा ही पुट इस बार भाजपा में देखने को मिल रहा है। भाजपा का इस बार का टिकट वितरण बेहद अप्रत्याशित रहा है। ऐसे में संभावना यही है कि अगले हफ्ते आने वाली भाजपा की दूसरी सूची में भी काफी नाम अप्रत्याशित देखने को मिलें। पिछली बार जब केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह रायपुर आए थे तो दिल्ली लौटकर पहली सूची जारी कर दी थी। एक बार फिर वे छत्तीसगढ़ आए हैं और ठीक उसी प्रक्रिया को अपनाया है, जिसे पिछली बार अपनाया था। मसलन, भाजपा कार्यालय में रूकना, स्थानीय सीनियर नेताओं से रायशुमारी और फिर दिल्ली लौटकर प्रत्याशियों की घोषणा। संभावना जताई जा रही है कि अमित शाह एक बार फिर दिल्ली लौटेंगे तो प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी हो जाएगी। गौरतलब है कि पार्टी ने टिकट वितरण के लिए 4 स्तर ए, बी, सी और डी निर्धारित किए थे। पहली सूची में डी और सी ग्रेड की 21 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया गया। उसके बाद एक आईएएस के भाजपा प्रवेश पर उनकी टिकट भी फायनल कर दी गई।




