भिलाई। भिलाई में डेंगू का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार भिलाई में डेंगू के 7 नए मरीज मिले है। सभी मरीज भिलााई टाउनशिप के ही रहने वाले हैं । इस तरह से डेंगू लगातार अपने पांव पसरा रहा है। जुलाई से लेकर अब तक 120 डेंगू से प्रभावित मरीज मिल चुके है। इनमें सबसे अधिक भिलाई टाउनशिप से ही मरीज मिले है। अब यह कहा जा सकता है कि, भिलाई टाउनशिप डेंगू का गढ़ बन गया है। वही दूसरी ओर प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयास धरातल पर नजर नही आने के कारण डेंगू प्रभावितों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ते जा रही है।
डेंगू से निपटने प्रशासन का दावा –
बीएसपी प्रशासन ने डेगू से निपटने के लिए बीएसपी प्रबंधन का दावा है कि अब तक 1731 से अधिक घरों का सर्वे किया गया है। 1500 से अधिक घरों में विभाग के लोग पहुंचकर लोगों को जागरूक किए और कूलर और अन्य जल एकत्र हुए स्थानों को साफ करवााया गया। 1125 घरों में टेमिफॉस दवा का वितरण किया गया। प्रभावित क्षेत्रों में दवाईयों का छिड़काव किया जा रहा है। और लोगो को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बनाई गई टीम जुटी हुई है।
भिलाई टाउनशिप में डेंगू बढ़ने के भी है कारण –
भिलाई टाउनशिप में स्थितियां वर्षो से जस की तस है। अधिकांश सेक्टरों ने जंगल का रूप ले लिया है। बड़ी बडी झाड़ियां उग आई है। कई स्थानों पर पानी भरा हुआ है। वही सेक्टरों की बैक लाईन वर्षो से साफ नही की गई है। बीएसपी प्रबंधन ने सेक्टर 6 और सेक्टर 7 की कई बिल्डिंगों को कंडम घोषित कर उसे आधा तोड़कर छोड दिया है। लेकिन उन्हें तोड़ा नही गया है जिससे वहां मच्छर पनप रहे है तो दूसरी ओर कंडम घोषित की गई बिल्डिंगे आसामाजिक तत्वों का अडडा बनी हुई है।
डेंगू के साथ डायरिया भी फैलने का खतरा बढ़ा –
भिलाई टाउनशिप में सफाई का जिम्मा बीएसपी नगर सेवाएं विभाग का का है। वही यह क्षेत्र भिलाई नगर निगम क्षेत्र भी है। ऐसे में दोनों ही प्रशासनिक एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि वो लोगो के स्वास्थ्य का ख्याल रखे लेकिन दोनों ही अपनी अपनी जिम्मेदारियां एक दूसरे पर टाल रही है। इधर वर्षो से बीएसपी क्षेत्र के हालात जस के तस है। सफाई और गंदे पानी के मुददे पर बीएसपी और निगम प्रशासन कई बार आमने सामने हो चुके हैं लेकिन हालात नही बदले है। आज भी कई सेक्टरों के निवासी ं गंदा पानी पीने को मजबूर है। लोगों के घरों तक पीने का पानी पहुंचाने वाली पाईप लाईनें वर्षो से जर्जर अवस्था में है जिन्हें बदलने का काम आज तक नही किया जा सका है। ऐसे में सिवरेज का पानी पीने के पानी से मिल रहा है जिससे जलजनित कई बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है।