भिलाई। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को सेक्टर-2 सड़क 24 स्थित शिद्ध श्री निकंदनराज दरबार में देव दीपवली पर्व का आयोजन किया गया। तीन दिवसीय इस आयोजन की शुरुआत 26 नवंबर से हुई और 27 नवंबर को यहां देव दीपावली मनाई गई। सैकड़ों लोग इस पर्व में शामिल हुए और अपने अपने हिस्से के दीपक जलाए। देखते ही देखते हजारों दिए जले। आसपास का पूरा माहौल दीपमय हो गया। धार्मिक संस्थान की ओर इस देव दीपावली को काफी भव्य बनाया गया। शिद्ध श्री निकंदनराज दरबार के तत्वाधान में इस आयोजन में आसपास के सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। महिलाओं से लेकर पुरुष व बच्चों ने इस आयोजन में हिस्सा लेकर इसे खास बना दिया। इस दौरान लल्लू महाराज ने संगीतमय प्रस्तुती देकर देव दीपावली में चार चांद लगाए।
कार्यक्रम की आयोजक शिवयोगी रीता पुरी गोस्वामी ने बताया कि हर वर्ष यह आयोजन किया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली का यह 15वां वर्ष है। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय इस आयोजन की शुरुआत रविवार 26 नवंबर से हुई। पहले दिन रुद्राभिषेक व अखण्ड महामृत्युंजय यज्ञ किया गया। इस यज्ञ में 108 विवाहित जोड़ों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन की अगली कड़ी में 27 नवंबर सोमवार को देव दीपावली मनाई गई। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मिलकर हजारों दिए जलाए। देव दीपावली के साथ की विशाल भंडारा हुआ जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन के तीसरे दिन मंगलवार की शाम को पूर्णाहुति दी जाएगी।
आयोजक रीता पुरी गोस्वामी ने बताया कार्तिक पूर्णिमा में देव दीपावली का विशेष महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा को देवताओं की दीपावली के रूप में मनाया जाता है। दीपावली मनाने के लिए इस दिन देवता काशी की पवित्रगंगा तट पर दीप प्रज्ज्वलित कर देव दीपावली मनाते हैं। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नामक महा असुर का वध किया था। इसके कारण देवताओं ने दीप जलाकर भगवान शंकर जी आरती की थी। यह भी मान्यता है कि भगवान विष्णु देव उठनी एकादशी को निद्रा से जागे और कार्तिक पूर्णिमा को अपने लोक पहुंचे। उनके स्वागत में भी देवताओं ने दिए जलाए। इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए शिद्ध श्री निकंदनराज दरबार के तत्वाधान में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी देव दीपावली का आयोजन किया गया।