बालोद। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच इन दिनों भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी संभावित दूसरी सूची की चर्चा जोरों पर है। चर्चा का विषय प्रत्याशियों के नाम से कम और उनके विरोध को लेकर ज्यादा है। ताजा मामले में गुंडरदेही विधानसभा से संभावित सूची के प्रत्याशी वीरेन्द्र साहू के विरोध का मामला है। गुंडरदेही विधानसभा में वीरेन्द्र साहू नाम आने के बाद इनके विरोध में पुतले जलाए जा रहे हैं और नारेबाजी भी की जा रही है।
बता दें विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पहली सूची जारी करने में जल्दबाजी दिखा दी। पहली सूची में अप्रत्याशित नामों के कारण भाजपा में अंदरूनी विरोध देखने को मिला। इसके बाद कार्यकर्ताओं को दूसरी सूची का इंतजार रहा। इस बीच सोशल मिडिया व टीवी चैनलों के माध्यम से भाजपा की एक सूची वायरल हुई। इस सूची में गुंडरदेही विधानसभा से पूर्व विधायक वीरेन्द्र साहू का नाम आया। वीरेन्द्र साहू का नाम आने के बाद गुंडरदेही में विरोध शुरू हो गया।
2013 विधानसभा में हार गए थे चुनाव
वीरेन्द्र साहू 2009 विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। इसके पांच वर्ष के कार्यकाल के बाद 2013 में फिर से उन्हें पार्टी ने उन्हें टिकट दी। इस चुनाव में वीरेन्द्र साहू 22 हजार से अधिक मतों से चुनाव हार गए। 2018 में उन्हें टिकट नहीं मिला। अब 2023 के चुनाव के लिए फिर से वीरेन्द साहू का नाम सामने आ रहा है। इसके कारण विधानसभा क्षेत्र में विरोध शुरू हो गया। बताया जा रहा है कि वीरेन्द्र साहू का विरोध क्षेत्र का साहू समाज ही कर रहा है। साहू समाज के अलावा सर्व समाज की ओर से भी विरोध देखा जा रहा है।
जगह जगह पुतला दहन
वीरेन्द्र साहू का नाम संभावित सूची में आने के बाद क्षेत्र में पुतला दहन का कार्यक्रम भी शुरू हो गया। पिछले दो तीन दिनों से अलग अलग रूप में गुंडरदेही विधानसभा में विरोध के स्वर देखे जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि सोशल मिडिया में वीरेन्द्र साहू का नाम आने के बाद कार्यकर्ताओं में उत्साह नहीं है। इसे देखते हुए गुंडरदेही के अलग अलग मंडलों से विरोध के स्वर देखने को मिल रहे हैं। भले ही भाजपा संगठन प्रसारित सूची को अधिकृत नहीं बता रहा है लेकिन इसके लीक होने से यह तो पत चल ही रहा है कि किसके नाम का विरोध है और किसके नाम पर सहमति बनी हुई है।




