नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले खंड का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री साहिबाबाद स्टेशन से देश की पहली सेमी-हाईस्पीड रीजनल रेल ‘नमो भारत’ (रैपिडएक्स) को हरी झंडी दिखाई। वह ऑनलाइन टिकट खरीदकर इस ट्रेन के पहले यात्री भी बने। उनके साथ ट्रेन में स्कूली बच्चे सवार हुए। रैपिडएक्स ट्रेन में स्टैंडर्ड और प्रीमियम दो श्रेणी के कोच लगाए गए हैं।
कुल छह कोच की प्रत्येक ट्रेन में एक कोच प्रीमियम श्रेणी का होगा। वहीं रैपिडएक्स के स्टेशनों पर मेट्रो स्टेशन से ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी। 82 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम से जुड़ने वाले आनंद विहार, गाजियाबाद समेत अन्य स्टेशनों पर बच्चों को फीड कराने के लिए फीडिंग रूम भी बनाए गए हैं। इनके अलावा आरओ फिल्टर्ड पानी फ्री मिल सकेगा। मेट्रो स्टेशनों पर यह सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि रैपिडएक्स ट्रेन में बच्चों के साथ सफर करने वाली महिलाओं की सहूलियत का खास ख्याल रखा गया है। महिलाओं के लिए अलग कोच के साथ-साथ मुख्य स्टेशनों पर बेबी फीडिंग रूम बनाया गया है। उन्होंने बताया कि सभी स्टेशनों पर टॉयलेटस भी बनाए गए हैं। इनका उपयोग निशुल्क किया जा सकेगा। मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों को पानी खरीदना पड़ता है जबकि रैपिडएक्स स्टेशनों पर आरओ मशीन लगी होंगी, यात्रियों को यहां से पानी निशुल्क मिलेगा।
रैपिडएक्स ट्रेन में स्टैंडर्ड और प्रीमियम दो श्रेणी के कोच लगाए गए हैं। कुल छह कोच की प्रत्येक ट्रेन में एक कोच प्रीमियम श्रेणी का होगा। इसका किराया स्टैंडर्ड कोच से दोगुना निर्धारित किया गया है। प्रीमियम कोच में उन्हें अपना सामान रखने की जगह, आरामदायक रिक्रलाइनर सीटें मिलेंगी। इसके अलावा कोच की खिड़की से आने वाली धूप और रोशनी को रोकने के लिए ब्लैक स्क्रीन लगाने का विकल्प मिलेगा। यात्री कार जैसी यात्रा कार से कम खर्च पर कर सकेंगे। सेमी हाईस्पीड ट्रेन में मरीजों को लाने-ले जाने के लिए स्ट्रेचर भी होगी।
डिस्प्ले स्क्रीन पर दिखेगी ट्रेन की लोकेशन और गति
रैपिडएक्स ट्रेन के प्रीमियम कोच में दो डिस्प्ले स्क्रीन लगाई गई हैं। हवाई जहाज की तरह इस स्क्रीन में ट्रेन की गति की जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। इसके अलावा ट्रेन की लोकेशन भी स्क्रीन पर दिखाई देगी। स्क्रीन पर देखकर पता चल सकेगा की ट्रेन किस स्टेशन पर पहुंचने वाली है। यात्रियों की सहायता के लिए प्रीमियम कोच में एक-एक सहायक तैनात रहेंगे। किसी भी जरूरत के लिए यात्री इन्हें बुलाकर मदद ले सकेंगे। स्टैंडर्ड कोच में सहायक तैनात नहीं होंगे, लेकिन किसी आपात स्थिति में यात्री इन्हें बुला सकेंगे।




