स्क्रीनिंग कमेटी ने 14 विधायकों की रिपोर्ट को माना बेहद खराब, कट सकती है टिकट
भिलाई। कांग्रेस में चल रही टिकट की उठापटक अब नतीजे की ओर बढ़ती दिख रही है। शुक्रवार के बाद शनिवार और रविवार को चली लम्बी कवायद टिकट को लेकर छाए धुंधलके को छांटने में काफी हद तक सहायक रही। तय किया गया है कि स्थानीय फीडबैंक (एलआईबी रिपोर्ट), एआईसीसी द्वारा कराया गया सर्वे, पीसीसी और राज्य सरकार की रिपोर्टों से निकले निष्कर्ष पर ही कांग्रेस प्रत्याशियों को टिकट मिलेगी। बताया गया है कि स्क्रीनिंग कमेटी की लम्बी कवायद और कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन के हस्तक्षेप के बाद पार्टी का रूख बदला है। इससे पहले प्रदेश स्तर पर यह लगभग तय कर लिया गया था कि सभी विधायकों को फिर से टिकट देना है, लेकिन माकन द्वारा एक-एक सीट का फीडबैक लेने के बाद अब करीब 14 विधायकों की स्थिति को बेहद खराब माना गया है। इन विधायकों के टिकट काटे जाने की पूरी संभावना है। वहीं दुर्ग जिले से संबंधित एक विधायक व एक मंत्री का टिकट काटे जाने के संकेत भी मिले हैं।
शुक्रवार की लम्बी और ऊबाऊ बैठक के बाद स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन शनिवार को दिल्ली उड़ गए। लेकिन बताते हैं कि वे अपने साथ पहले खेप की सीटों के नाम लेकर गए। उनके द्वारा बैठक में उठाई गई आपत्तियों और सुझावों पर फिर से अमल करने के लिए शनिवार और रविवार को दो दिनों तक मैराथन बैठकें चलती रही। सभी 5 संभागों से प्रमुख नेताओं को बुलाकर उनसे उम्मीदवारों के नामों पर रायशुमारी की गई। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सिंगल नामों के पैनल में फंसने से कई विधायकों के सांसें अटकी हुई है। ये वे विधायक हैं, जिन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल तक ब्लाक और जिला से लेकर प्रदेश स्तर तक अपना नाम फायनल करवा लिया था। बताते हैं कि प्रदेश स्तर पर सभी 90 सीटों के नाम लगभग तय हो चुके हैं। पहली सूची जारी होने के बाद बाकी के नामों को स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन के जरिए सीईसी को भेजा जाएगा। पता चला है कि सीईसी की बैठक इस बार दिल्ली की बजाए हैदराबाद होने की संभावना है। वहीं से छत्तीसगढ़ के प्रत्याशियों का ऐलान भी किए जाने की संभावना है। यह बैठक 16 या 17 सितम्बर को हो सकती है।
सीईसी अपने सर्वे के भरोसे
चुनाव समिति की बैठक में तय नामों को अजय माकन की अध्यक्षता वाली स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में रखी जाएगी। माकन सभी सीटों के नामों पर मंथन के बाद सूची केन्द्रीय चुनाव समिति के पास भेजेंगे। वहीं स्क्रीनिंग कमेटी जिन नामों को सीईसी के पास भेजेगी उसे अंतिम रुप देने से पहले सीईसी अपने सर्वे रिपोर्ट से उन नामों का मिलान करेगी। केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में 16 सदस्यों के अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ दीपक बैज भी शामिल होंगे। चूंकि टीएस सिंहदेव सीईसी के मेंबर हैं इस लिहाज से छत्तीसगढ़ के तीन नेता इस बैठक में शामिल होंगे। दरअसल विधानसभा चुनाव के लिए एआईसीसी, एलआईबी, पीसीसी औैर राज्य सरकार द्वारा अलग-अलग सर्वे कराए गए हैं। इन सभी सर्वे में कई सीटों पर अलग-अलग दावेदारों के नाम सामने आए हैं। वहीं अजय माकन की अध्यक्षता में चार दिन पहले हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में प्रदेश चुनाव समिति ने सभी 90 विधानसभा सीटों पर दावेदारों के नाम रखे। इसमें 25 से 30 सीटों को छोड़कर सभी सीटों पर दो से तीन नामों का पैनल तैयार किया गया। इनमें कुछ नाम तो ऐसे भी जो सर्वे सूची में शामिल ही नहीं थे। इस पर माकन ने कहा कि यदि विवाद की स्थिति नहीं है तो प्रदेश चुनाव समिति द्वारा सभी सीटों पर मंथन कर सिंगल नाम तय कर लिए जाएं। इसके बाद फिर स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक करेंगे। नाम घोषित करने से पहले टिकट नहीं मिलने से असंतुष्ट नेताओं को साधने की कोशिश भी की जा रही है। क्योंकि कई नेताओं के अभी से दूसरे दलों के संपर्क में होने की खबर है।
युवाओं को ज्यादा तवज्जो
कांग्रेस आलाकमान की मंशा है कि इस बार ज्यादा से ज्यादा युवाओं को अवसर दिया जाए। इसलिए छत्तीसगढ़ में टिकट बांटने के लिए कई मापदंड तय किए गए हैं। इसके तहत उम्रदराज और बीमार नेताओं की जगह नए नामों को शामिल करने को कहा गया है। वहीं टिकट वितरण में इस बात का ध्यान दिया जाएगा कि प्रत्याशी 50 वर्ष से कम उम्र का हो। ऐसा प्रत्याशी यदि जिताऊ है तो उसे उम्रदराज स्थानीय विधायक पर तरजीह दी जाएगी। इसके अलावा जो विधायक दो या इससे अधिक बार चुनाव जीत चुके हैं, उन्हें लोकसभा का चुनाव लड़ाए जाने की बातें भी सामने आई है। टिकट वितरण के दौरान जो नेता या दावेदार असंतुष्ट हो जाता है, उससे सम्पर्क कर साधने की कोशिश की जाएगी। बताते हैं कि पार्टी को इस बात की भनक भी लगी है कि कई बड़े नाम वाले दावेदार दीगर दलों के सम्पर्क में हैं। उनको छिटकने से बचाना भी पार्टी की सूची में शामिल है। साथ ही 90 में से 20 से ज्यादा सीटें महिलाओं को देने की वकालत भी की गई है। जल्द ही राज्य के भिलाई क्षेत्र में कांग्रेस नेत्री प्रियंका वाड्रा गांधी आने वाली है। उनकी सभा में इसकी घोषणा होने की संभावना है।
कई नेताओं की विधायकी खतरे में
रविवार को देर रात तक चली बैठक में एक-एक नामों पर मंथन किया गया। पार्टी की प्रारंभिक बैठकों में यह तय किया गया था कि किसी भी मंत्री की टिकट नहीं काटी जाएगी। लेकिन दो मंत्रियों को जीतने की स्थिति में नहीं पाया गया। इनमें से एक मंत्री दुर्ग जिले का बताया गया है। इस मंत्री के साथ पार्टी का जातीय समीकरण भी जुड़ा हुआ है, इसलिए अब तय किया गया है मंत्री की मंशानुसार उनका क्षेत्र बदल दिया जाए। वहीं कुल 14 विधायकों का ओवरऑल परफारमेंस भी खराब पाया गया है। इन सभी विधायकों के टिकट काटे जाने की संभावना है। इनमें से एक विधायक दुर्ग जिले से बताया जा रहा है। कल की बैठक में प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, सीएम भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव, पीसीसी चीफ दीपक बैज व विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत समेत अन्य लोग शामिल हुए। इस दौरान बस्तर और बिलासपुर संभाग की सीटों पर चर्चा होने की खबर है। यहां भी जिन क्षेत्रों से सिंगल नाम आए थे, उन्हें पैनलाइज कर दिया गया। हालांकि पार्टी ने प्रारम्भ में ही तय किया था कि ज्यादा से ज्यादा सीटों पर सिंगल नाम ही सीईसी को भेजे जाएंगे। पहली सूची जारी होने की तारीख को लेकर अब तक संशय बरकरार है।




