भिलाई। सड़क, नाली, पानी समेत 18 जनहित के मुद्दों को लेकर भाजपा ने पिछले दिनों निगम मुख्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया था। इस दौरान निगम कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा गया और इस समस्याओं का समाधान करने की मांग की गई। इसके बाद भी अब तक इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया है। इसे लेकिन भाजपा के पार्षद व उपनेता प्रतिपक्ष दया सिंह ने निगम को 15 सितंबर तक का अल्टिमेटम दिया है। शनिवार को दया सिंह ने प्रेसवर्ता में कहा कि यदि 15 सितंबर तक इन जनहित के मुद्दों का समाधान नहीं किया जाता तो भिलाई में इतिहास का सबसे बड़ा महाधरना प्रदर्शन किया जाएगा।
उप नेता प्रतिपक्ष दया सिंह ने कहा था कि, कांग्रेस की शहर सरकार भ्रष्ट हो गई है। 18% कमीशनखोरी के साथ ये सब चल रहा है। अब बर्दाश्त से बाहर है। शहर सरकार नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे। दया सिंह ने कहा कि, 18 अलग-अलग बिंदुओं पर पिछले दिनों चर्चा हुई थी। जिसके समाधान के लिए आश्वासन दिया गया था। लेकिन हम असंतुष्ट है। दया सिंह ने कहा कि, शहर के अलग-अलग वार्डों में विभिन्न प्रकार की समस्याएं व्याप्त है। लोगों को छोटी-छोटी चीजों के लिए दो-चार होना पड़ रहा है। गर्मी में पेयजल संकट गहरा गया है। शहर की अंदरूनी सड़कों का बुरा हाल है। सफाई व्यवस्था चौपट है। स्ट्रीट पोलों पर लाइट नहीं है। इस तरह की विभिन्न समस्या है। अब अगर समाधान नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
दया सिंह ने इन समस्याओं का सौंपा था ज्ञापन
- टाउनशिप को छोड़ दें तो शहर के अन्य इलाकों खम्हरिया, कोहका, कुरुद, वैशालीनगर, कैंप, छावनी और खुर्सीपार में पेयजल संकट गहरा गया है। टैंकर से इन वार्डों में पेयजल आपूर्ति करें। भविष्य के लिए कार्ययोजना बनाकर काम करें।
- शहर की सफाई का खर्चा बढ़ गया है लेकिन व्यवस्था नहीं सुधरी है। सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। ठेका एजेंसी की मॉनीटरिंग करनी चाहिए।
- सफाई कार्य में जुटे मजदूरों के साथ शोषण भी हो रहा है। उनका पीएफ , ईएसआईसी नहीं काटा जा रहा है। मजदूरों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
- शहर की अंदरूनी सड़कों का बुरा हाल है। जगह-जगह गड्ढे है, जहां चलना दूभर हो गया है। उन सड़कों का निर्माण किया जाए।
- खुर्सीपार क्षेत्र में पानी के लिए संपवेल की व्यवस्था होनी चाहिए। क्योंकि सप्लाई प्रॉपर नहीं हो रही है।खुर्सीपार में बिजली कटौती भारी हो रही है। इसका समाधान निगम प्रशासन को करना चाहिए।
- खुर्सीपार में बिजली कटौती भारी हो रही है। इसका समाधान निगम प्रशासन को करना चाहिए।
- कैंप में पेयजल संकट है। अमृत मिशन के तहत पाइप लाइन बिछाने के बावजूद पानी घर तक नहीं पहुंचा है। जो संकट है।
- छावनी में कैमिकल युक्त गंदे पानी की आपूर्ति संपवेल से हो रही है। उन संपवेलों को बंद कर पाइप लाइन बिछाई जाए।
- सुपेला रोड की स्ट्रीट लाइट बंद है। जबकि, सौंदर्यीकरण के नाम पर भारी भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी जांच होनी चाहिए।
- शहर में अवैध प्लॉटिंग का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। लोगों की गाढ़ी पूंजी को जमीन माफिया हथिया रहे हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। शहर में कितने अवैध प्लॉटिंग एरिया है। इसकी पहचान होनी चाहिए।
- हुडको, वैशालीनगर, शांतिनगर और कैंप-खुर्सीपार में सीवरेज लाइन की बड़ी समस्या है। इसका समाधान आवश्यक है। क्योंकि, सालों पूर्व कॉलोनियों में सीवरेज पर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया।
- श्रमिक बस्ती और आउटर के वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए। इसके लिए निगम को देरी नहीं करना चाहिए। यह आवश्यक चीज है। इससे अपराध पर अंकुश लगेगा।
- शहर के उद्यानों का बुरा हाल है। मेंटेनेंस नहीं होने की वजह से उजाड़ पड़ा हुआ है। शहर के सभी सेक्टर और वार्डों में उजाड़ पड़े गॉर्डनों का मेंटेनेंस बिना देरी किए शुरू करना चाहिए।
- प्रॉपर्टी टैक्स की जो छूट उद्योगपतियों को दी गई है। वही छूट शहर के गरीब और श्रमिक इलाकों में रहने वाले गरीब जनता को भी देनी चाहिए। इससे भेदभाव साफ झलक रहा है। जो ठीक नहीं है।
- शहर के निर्माण कार्यों में लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें है। सेक्टर-7 स्पोर्ट्स कांप्लेक्स मामले में अब तक जांच रिपोर्ट का पता नहीं। संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं हुई है।
- टाउनशिप के सेक्टरों में सफाई बुरा हाल है। डेंगू जैसे संक्रमण का खतरा बढ़ा हुआ है। अगर वहां सफाई नहीं सुधारी गई तो हालात मुश्किल हो जांएगे। बीएसपी की सफाई का जिम्मा निगम खुद अपने ऊपर लें।
- नगर निगम भिलाई की आर्थिक स्थिति खराब है। ऐसे में कर्मियों को समय पर मानदेय नहीं मिल रहा है। इसलिए व्यवस्था दुरूस्त की जाए, जिससे कर्मियों को भुगतान में देरी न हो। क्योंकि, निगम कर्मियों की वजह से ही निगम काम करेगा।
- सड़क, नाली और सफाई व पानी जैसे विषयों पर काम करने के लिए अलग से सेल का गठन हो। अलग से समिति बनाई जाए। इस समिति में भाजपा पार्षदों को भी रखा जाए। जिससे सुचारू रूप से तर्क दिया जा सके।




