Bilaspur बिलासपुर ! गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय लगातार शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक गतिविधियों में भी अग्रणी रहकर बच्चों को सामाजिक कार्यों से भी रूबरू कराने की कोशिश कर रहा है।
Bilaspur पिछले कुछ समय पहले ही गुरु घासीदास केंद्र विश्वविद्यालय के द्वारा स्वाभिमान भोजनालय की शुरुआत की गई, जिसका अच्छा प्रतिसाद विश्वविद्यालय को मिल रहा है इसे देखते हुए अब विश्वविद्यालय के द्वारा एक नई पहल की जा रही है जिसके तहत गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के सामाजिक कार्य विभाग के द्वारा जीजीवी श्रवण लाइन योजना प्रारंभ की जा रही है।
Bilaspur इस योजना के तहत विश्वविद्यालय के सामाजिक कार्य विभाग के विद्यार्थी ऐसे बुजुर्ग और वरिष्ठ नागरिकों के पास पहुंचेंगे जिन्हें परिवार से सहायता नहीं मिलती है और उन्हें अपने दैनिक सामग्रियों की आवश्यकता होती है ऐसे में उनके पास विकल्प नहीं होता है जिसे देखते हुए अब विश्वविद्यालय के द्वारा या नई पहल शुरू की गई है प्रारंभिक तौर पर विश्वविद्यालय 5 किलोमीटर के दायरे में इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू कर रहा है !
Bilaspur जिसमें लगभग 60 वरिष्ठ नागरिकों का चयन किया गया है जिनके बीच यह बच्चे पहुंचकर उनकी समस्या का समाधान करेंगे इसके अलावा विश्वविद्यालय किया गया प्रोजेक्ट सफल रहता है तो आगामी दिनों में इसे बढ़ाया जाएगा और लगभग 2000 लोगों तक विश्वविद्यालय इस योजना को पहुंचाने की मंशा पर कार्य कर रहा है इस योजना से जुड़ने वाले विद्यार्थियों को दोहरा फायदा होगा एक तो इसे पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है !
दूसरा इस सामाजिक कार्य से जुड़े विद्यार्थियों को बांट दिए जाएंगे जो उनके अंक सूची में अंकित होगा इसके बाद विद्यार्थियों को मूल्यांकन की सुविधा भी से मिलेगी गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के साथ-साथ हेल्पलाइन भी बना रहा है जिसमें शहर से कहीं से भी अगर वरिष्ठ नागरिक अपनी दैनिक जरूरतों को लेकर फोन करता है तो उसे भी हल करने की दिशा में कोशिश होगी विश्वविद्यालय का प्रयास है कि इस योजना का मकसद समाज के हर व्यक्ति को खुशी देना है तो वहीं हैप्पीनेस इंडेक्स बढ़ाने की भी कोशिश योजना के माध्यम से की जा रही है !
गुरुवार को विश्वविद्यालय के सभागार में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए गुरु घासीदास केंद्र विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक चक्रवाल ने कहा की निश्चित ही बुजुर्ग नागरिकों के लिए लाभदायक रहेगी वहीं इसकी मॉनिटरिंग के लिए एक समिति भी बनाई गई है जो सतत इसकी पूरी देखरेख करेगी 14 अप्रैल शुक्रवार को बाबा भीमराव अंबेडकर की जयंती पर विश्वविद्यालय इस योजना की शुरुआत कर रहा है।